लखनऊ. एससी-एसटी एक्ट के तहत दर्ज मामलों में तत्काल गिरफ्तारी पर रोक लगाने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में दलित संगठनों ने सोमवार को भारत बंद का एलान किया है। इस दौरान कई जिलों में दलित संगठनों का विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया है। आगरा में विरोध कर रहे लोगों ने गतिमान एक्सप्रेस ट्रेन को रोका। वहीं, मेरठ में चौकी में आग लगा दी गई। मेरठ, गोरखपुर, सहारनपुर, हापुड़ और आगरा समेत कई जिलों में प्रदर्शनकारियों ने जमकर उत्पात मचाया। आगरा में भी दलित संगठनों का उग्र प्रदर्शन जारी है। प्रशासन ने सभी जिलों में अलर्ट घोषित कर दिया है। हापुड़ में प्रदर्शन हिंसक है गया है। यहां गोली चलने की सूचना है। वहीं विरोध कर रहे संगठनों ने आगजनी के साथ पथराव किया है।
- आगरा के मुख्य सड़क MG रोड पर तोड़फोड़ कर रहे थे प्रदर्शनकारी को खदेड़ने के लिए प्रदर्शन एसपी सिटी ने की फायरिंग। प्रदर्शनकारियों को संभालने के लिए पुलिस ने संभाला मोर्चा, लाठीचार्ज के साथ की गई फायरिंग।
- लखनऊ में विरोध प्रदर्शन को बहुजन समाजवादी पार्टी ने समर्थन दिया है। पार्टी के कार्यकर्ता भी विरोध में शामिल होकर नारेबाजी कर रहे हैं।
- हिंसा को देखते हुए पांच कंपनी पीएसी और चार कंपनी RAF अतिरिक्त तैनात की मेरठ, हापुड़ आगरा और गाजियाबाद में रैपिड एक्शन फोर्स की अतिरिक्त कंपनी तैनात की गई हैं।
- आंदोलन के दौरान हुई हिंसा की घटनाओं को देखते हुए पांच कंपनी पीएसी भी संवेदनशील जिलों को भेजी जा रही है। प्रदेश के मेरठ और आगरा जोन में सर्वाधिक आंदोलन के दौरान हिंसक घटनाएं।
- डीजीपी ओपी सिंह ने एडीजी लॉ एंड ऑर्डर और डीआईजी लॉ एंड ऑर्डर को प्रदेश भर में हो रही घटनाओं को लेकर ब्यौरा मांगा है। डीजीपी मुख्यालय ने सभी जिलों को कड़ी कार्रवाई करने के दिए निर्देश
दिए हैं। आंदोलन के दौरान अपराधिक प्रवृत्ति के लोगों रखी जाए नजर व कड़ी कार्रवाई के दिए गए निर्देश।
- आंदोलन के दौरान हुई हिंसा की घटनाओं को देखते हुए पांच कंपनी पीएसी भी संवेदनशील जिलों को भेजी जा रही है। प्रदेश के मेरठ और आगरा जोन में सर्वाधिक आंदोलन के दौरान हिंसक घटनाएं।
- डीजीपी ओपी सिंह ने एडीजी लॉ एंड ऑर्डर और डीआईजी लॉ एंड ऑर्डर को प्रदेश भर में हो रही घटनाओं को लेकर ब्यौरा मांगा है। डीजीपी मुख्यालय ने सभी जिलों को कड़ी कार्रवाई करने के दिए निर्देश
दिए हैं। आंदोलन के दौरान अपराधिक प्रवृत्ति के लोगों रखी जाए नजर व कड़ी कार्रवाई के दिए गए निर्देश।
जारी किया गया अलर्ट
- यूपी के सभी जिला में अलर्ट जारी कर दिया गया है। प्रमुख सचिव गृह ने आदेश सभी जिलों के डीएम और एसपी आदेश जारी करते हुए कहा कि आगजनी व तोड़फोड़ पर सख्ती करें और किसी भी तरह का बवाल नहीं होने दें। प्रदर्शनकारियों से बात कर मामले को शांत कराने का निर्देश भी दिए गए हैं।
- लखनऊ में आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति ने जहां दो घंटे कार्यबहिष्कार का एलान किया है वहीँ आगरा में दो स्टेशनों पर ट्रेन रोकी गयी है।
सीएम योगी ने की शांति की अपील
- सीएम योगी ने शांति की अपील करते हुए कहा कि - केंद्रीय एवं राज्य सरकार पिछड़े वर्गों के कल्याण, एससी और एसटी के प्रति समर्पित हैं। मैं कानून और व्यवस्था को शांति बनाएं रखने की अपील करता हूं।
- वहीं, डिप्टी सीएम ने लोगों से शांति बनाय रखने की अपील करते हुए कहा कि लोग किसी के बहकावे में नहीं आएं।
1) मेरठ में चौकी में लगाई गई आग
- दलितों संगठनों ने मेरठ- परतापुर बाइपास मार्ग पर कई स्थानों पर जाम लगाया। जिससे दिल्ली, मेरठ और देहरादून हाइवे जाम हो गया। जाम के दौरान लोगों की भीड़ ने कई वाहनों में तोड़फोड़ की और आग लगा दी।
- शोभापुर में भीड़ ने दो बसों में आग लगायी और पुलिस चौकी को भी अपना निशाना बनाकर वहां तोड़फोड़ कर आगजनी कर दी।
- भीड़ को तितर बितर करने के लिए पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी। भीड़ ने खडौली में भी बसों में तोड़फोड़ की। इस दौरान बाइकों में भी उग्र भीड़ ने आग लगा दी।
- तनाव को देखते हुए कई थानों की पुलिस फोर्स मौके पर बुला ली गई। इस दौरान खडोली में भीड़ द्वारा गोली चलाए जाने की बात भी सामने आ रही है हालांकि इसकी पुष्टि अभी कोई अधिकारी नहीं कर रहा है।
- शोभापुर में भीड़ ने दो बसों में आग लगायी और पुलिस चौकी को भी अपना निशाना बनाकर वहां तोड़फोड़ कर आगजनी कर दी।
- भीड़ को तितर बितर करने के लिए पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी। भीड़ ने खडौली में भी बसों में तोड़फोड़ की। इस दौरान बाइकों में भी उग्र भीड़ ने आग लगा दी।
- तनाव को देखते हुए कई थानों की पुलिस फोर्स मौके पर बुला ली गई। इस दौरान खडोली में भीड़ द्वारा गोली चलाए जाने की बात भी सामने आ रही है हालांकि इसकी पुष्टि अभी कोई अधिकारी नहीं कर रहा है।
2) आगरा में रोकी गयी ट्रेन
-आगरा में विरोध की कई तस्वीरें सामने आई। आगरा के टेढ़ी बगिया पर जाम लगाया गया। जबकि खेरिया मोड़ को जबरन बंद करा दिया गया। दलित समुदाय के लोग हाथों में लाठी डंडे लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। बिजलीघर बाजार को भी बंद कराया गया है।
-वहीं आगरा फोर्ट रेलवे स्टेशन पर हजारों लोगों ने कर्नाटक एक्सप्रेस ट्रेन रोक दी है। सूचना मिलते ही आरपीएफ और जीआरपी मौके पर पहुंच गयी है। जबकि ईदगाह रेलवे स्टेशन से पहले रेलवे ट्रैक पर उतर कर प्रदर्शनकारियों ने ट्रेन को रोक रखा है।
-इसके अलावा बड़ी संख्या में लोगों ने आगरा-अलीगढ़ हाइवे जाम कर रखा है।
-वहीं आगरा फोर्ट रेलवे स्टेशन पर हजारों लोगों ने कर्नाटक एक्सप्रेस ट्रेन रोक दी है। सूचना मिलते ही आरपीएफ और जीआरपी मौके पर पहुंच गयी है। जबकि ईदगाह रेलवे स्टेशन से पहले रेलवे ट्रैक पर उतर कर प्रदर्शनकारियों ने ट्रेन को रोक रखा है।
-इसके अलावा बड़ी संख्या में लोगों ने आगरा-अलीगढ़ हाइवे जाम कर रखा है।
3)लखनऊ में दो घंटे का कार्य बहिष्कार
-लखनऊ में आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष अवधेश वर्मा के नेतृत्व में बिजली गेस्ट हाउस पर काली पट्टी बांध कर प्रदर्शन कर रहे हैं।
-अवधेश वर्मा ने बताया कि एस/एसटी कानून में बदलाव के खिलाफ दलित समाज सड़क पर है। कानून में कोई भी बदलाव हमें मंजूर नहीं है। उन्होंने बताया कि हमारा प्रदर्शन शांतिपूर्ण है। हम दो घंटे कार्य बहिष्कार कर रहे हैं।
-अवधेश वर्मा ने बताया कि एस/एसटी कानून में बदलाव के खिलाफ दलित समाज सड़क पर है। कानून में कोई भी बदलाव हमें मंजूर नहीं है। उन्होंने बताया कि हमारा प्रदर्शन शांतिपूर्ण है। हम दो घंटे कार्य बहिष्कार कर रहे हैं।
4) वाराणसी
- एससी/ एसटी एक्ट में बदलाव को लेकर आज वाराणसी के अम्बेडकर स्मारक के पास दलितों ने चक्काजाम कर हंगामा किया। कई गाड़ियों के शीशे तोड़े।
- रन फॉर अंबेडकर के कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने भांजी लाठी। कचहरी स्थित अंबेडकर पार्क के पास लगभग दर्जनों कार्यकर्ताओं को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
5) झांसी
- कचहरी चौराहे में भारी संख्या में दलित संगठन के लोगों ने पहुंचकर जाम लगा दिया। दलित समुदाय के लोगों ने मोदी सरकार के खिलाफ जबरदस्त गुस्सा दिखाते हुए कहा कि मोदी सरकार दलितों की आवाज और उनके हक को खत्म करना चाहती है।
6)बिजनौर
- दलितों ने हिंसक प्रदर्शन किया। सैकड़ों दलितों ने एकत्र होकर दिल्ली पौड़ी नेशनल हाइवे पर जाम लगाते हुए जमकर नारेबाजी की। इस दौरान आसपास की दुकानों को बंद कराने के लिए उनमें जमकर तोड़फोड़ करते हुए दुकानों को जबरन बन्द करा दिया गया है।
7)सहारनपुर
-सुबह करीब आठ बजे बेहट स्थित गांव नाजिरपुरा में भारत एकता मिशन के कार्यकर्ता संड़कों पर उतर आए और दिल्ली यमुनोत्री मार्ग को पूरी तरह से बाधित कर दिया। इस मार्ग पर वाहनों की लंबी कतार लगई, जिस कारण यमुनोत्री जाने वाले वाहन चालकों और यात्रियों को खासी परेशानी का सामना करना पडा। इसके अलावा भगवानपुर रूडकी मार्ग पर गांव चुडियाला के निकट भी दलित संगठनों के कार्यकर्ताओं ने मार्ग को जाम कर दिया, जिस कारण हरिद्वार जाने वाले वाहन चालकों को परेशानी हुई। जनपद के कस्बा नागल, तल्हेडी बुजुर्ग, देवबंद, नानौता, गंगोह और तीतरो आदि में भी भारत बंद के दौरान दलित संगठनों के कार्यकर्ताओं द्वारा रोड जाम कर नारेबाजी की जा रही है।
8)मुजफ्फरनगर
-मुजफ्फरनगर में भी दलितों का प्रदर्शन हिंसक हो गया। जब आउटर पर ट्रेन को रोक दिया गया। साथ ही जगह जगह तोड़फोड़ और आगजनी की घटनायें भी सामने आई हैं।
-नई मंडी कोतवाली पर प्रदर्शनकारियों ने किया पथराव। पुलिस और प्रदर्शनकारियो के बीच फायरिंग।
9)मथुरा
-दलित संगठनों का हिंसक आन्दोलन देखते हुए मथुरा में रेलवे विभाग द्वारा ताज एक्सप्रेस ट्रेन को एहतियातन रोक दिया गया। दिल्ली-आगरा रूट पर ट्रेन रोक कर यात्रियों को भी उतार दिया गया है। जिससे भारी संख्या में यात्री परेशान हैं।
10) आजमगढ़
- आजमगढ़ में प्रदर्शनकारियों ने एक बस को आग लगा दी है। वहीं, प्रशासन विरोध कर रहे संगठनों को समझाने में लगा हुआ है।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या फैसला दिया था?

सोमवार को नरेंद्र मोदी सरकार ने पुनर्विचार याचिका दाखिल की है
बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने केंद्र सरकार को दी चुनौती, तेजस्वी ने कहा, केंद्र सरकार की मंशा साफ है तो एससी-एसटी अत्याचार निवारण कानून को शामिल करे संविधान की नौंवीं अनुसूचि में, भाजपा मामले को अटकाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में डाल रही पुनर्विचार याचिका, तेजस्वी के बयान से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के लिए जवाब देना मुश्किल हो जाएगा...
अधिनियम, 1989 के तहत दर्ज मामलों में तत्काल गिरफ्तारी पर रोक लगाने वाले उच्चतम न्यायालय के फैसले के खिलाफ बिहार का हरेक राजनीतिक दल आंदोलन के मूड में है। सोमवार को विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही राजद और कांग्रेस के सदस्य सीधे वेल में आ गए। विधान सभा में जदयू के उप नेता श्याम रजक, जदयू विधायक मनीष कुमार, रालोसपा के विधायक ललन पासवान और भाजपा की विधायक भागीरथी देवी ने भी अपने स्थान पर खड़े होकर राजद और कांग्रेस का साथ दिया।
विधानसभा के बाहर प्रदर्शन करते विधायक (फोटो : गूगल)
विपक्ष के नेता तेजस्वी ने सीधे तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को चुनौती दे डाली। तेजस्वी ने कहा कि एससी-एसटी अत्याचार निवारण कानून को केंद्र की भाजपा गठबंधन की सरकार संविधान की नौंवीं अनुसूचि में डाल दे। ताकि कोर्ट में इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं कर सके। एससी/एसटी अत्याचार निवारण एक्ट मामले में केन्द्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर करके मामले को लटकाने का प्रयास किया है। केंद्र सरकार चाहती तो वह अध्यादेश के जरिए ऐसा कर सकती है। किसानों की जमीन का अधिग्रहण करने के लिए भी केंद्र सरकार अध्यादेश लेकर आई थी। यह तो सीधे तौंर पर दलितों के हितों की रक्षा का मामला है।
विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव (फोटो : गूगल)
राजद नेता तेजस्वी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट इस कानून के दुरुपयोग की बात करता है। दुरुपयोग तो देश में किसी भी कानून का दुरुपयोग हो सकता है। तब क्या आईपीसी को ही समाप्त कर दिया जाएगा। क्या बिहार में शराबबंदी कानून का दुरुपयोग नहीं हो रहा है? बिहार में दलितों को सबसे अधिक इसी कानून के जरिए प्रताड़ित किया जा रहा है। एससी, एसटी अत्याचार निवारण कानून एक ऐसा हथियार है जिसके कारण कोई भी दलितों पर अत्याचार करने से डरता है। दुरुपयोग के नाम पर किसी भी कानून को कमजोर और शिथिल नहीं किया जाना चाहिए।
पीएम मोदी और भाजपा अध्यक्ष शाह (फोटो : गूगल)
दूसरी ओर भाजपा नेता व बिहार के पीएचईडी मंत्री विनोद नारायण झा ने कहा कि राजद औओर कांग्रेस ने दलितों पर सबसे अधिक अत्याचार किया है। सत्ता से बाहर हो जाने के बाद वे दलित प्रेम का दिखावा कर रहे हैं। केंद्र की सरकार अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
देशभर में दलित समुदाय और विपक्षी दलित नेताओं की ओर से भारत बंद बुलाया गया है। बंद के नाम पर हिंसा, आतंक, उन्माद सरेआम फैलाया जा रहा है, लेकिन आखिर ऐसा किस लिए हो रहा है इसको लेकर दलित समुदाय के प्रदर्शनकारियों से सवाल किया गया तो जवाब ऐसा मिला कि अपना माथा दिवार में मार कर फोड़ लिया जाए।
बतादें कि सोमवार को भारत बंद के दौरान दलितों ने सड़क पर सिर्फ चक्का जाम ही नहीं किया है बल्कि अमर्यादित घटनाओं को भी अंजाम दे रहे हैं। बाबा साहेब के नाम पर लाठी, डंडे और हथियारों को लेकर निकले दलित ‘गुंडे’ देशभर में आम जनता और सरकारी संपत्ति को आग लगा रहे हैं। इसी बीच मीडिया और खासकर सोशल मीडिया पर जानकारी शेयर की जा रही हैं। दलित समुदाय द्वारा बुलाये गये भारत में बंद में शामिल हुए दलितों को पता ही पता ही नहीं कि वह किस लिए प्रदर्शन और हिंसा फैला रहे हैं।
वहीँ कुछ ने जो कहा वह चौंका देने वाला है। दरअसल सोशल नेटवर्किंग साईट ट्विटर के एक वेरीफाईड ट्विटर अकाउंट से एक पोस्ट कर दावा किया गया है कि भारत बंद का असर बिहार के दरभंगा में बुरी तरह से देखा जा है। यहाँ भारत बंद के नाम पर आगजनी, तोड़फोड़, सरकारी संपत्ति और आम लोगों, महिला बच्चों को भी निशाना बनाया रहा है।
ऐसे में दलित युवाओं से पूछा गया कि वह क्यों यह सब कर रहे हैं, तो उनकी ओर से जवाब दिया गया है कि ‘सरकार हमारा रिज़र्वेशन समाप्त कर रही।’ ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर दलितों को कौन गुमराह कर उनसे हिंसा करवा रहा है? एससी के फैसले पर दलितों में किस तरीके से कहानी को बदल कर देश में हाईजेक करने की कोशिश की जा रही है। वहीँ सोमवार को हिंसा आदि के बीच मोदी सरकार ने एससी में पुनर्विचार याचिका डाली है।
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